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What are the 5 best temple in the World||दुनिया के 5 सर्वोत्तम अच्छे मंदिर कौन से हैं??

1.अंगकोर वाट (कंबोडिया) ( best temple in the World)

अंगकोर वाट World का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है और यह कंबोडिया में स्थित है। यह हिंदू और बाद में बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ मंदिर है जिसे 12वीं सदी में सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था। अंगकोर वाट के भव्य वास्तुकला और इसकी उन्नत शिल्पकला ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में प्रसिद्ध किया है।

वास्तुकला: मंदिर की संरचना कमल के फूल के आकार की है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख प्रतीकों में से एक है। इसका केंद्रीय गुम्बद 65 मीटर ऊँचा है और इसे 2000 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए है। दीवारों पर हिंदू महाकाव्यों, विशेष रूप से रामायण और महाभारत के दृश्य उकेरे गए हैं।

धार्मिक महत्व: अंगकोर वाट मूलतः विष्णु देवता को समर्पित था, लेकिन 12वीं सदी के अंत में यह बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र बन गया।

पर्यटक आकर्षण: हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं, जो इसे दक्षिण-पूर्व एशिया का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनाता है। यह मंदिर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अत्यंत सुंदर दिखाई देता है।

2.मीनाक्षी मंदिर (भारत) best temple in the World


मीनाक्षी मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है और यह देवी मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध और धार्मिक मंदिरों में से एक है।

वास्तुकला: यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। इसमें 14 गोपुरम (मीनारें) हैं, जिनमें से सबसे बड़ी 170 फीट ऊँची है। गोपुरम पर सजीव और रंगीन मूर्तियों का अद्भुत समागम है।
धार्मिक महत्व: मीनाक्षी मंदिर का उल्लेख तमिल साहित्य में मिलता है और इसे 2500 वर्ष पुराना माना जाता है। यह मंदिर शिव और पार्वती के दिव्य विवाह का प्रतीक माना जाता है।
पर्यटक आकर्षण
: मंदिर का नायक महामंडपम और हजार स्तंभों वाला मंडप पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। हर साल यहां मीनाक्षी तीर्थयात्रा आयोजित होती है जिसमें लाखों भक्त हिस्सा लेते हैं।

3.श्वेडागोन पगोडा (म्यांमार)( best temple in the World)


श्वेडागोन पगोडा म्यांमार के यांगून शहर में स्थित है और यह बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है। यह पगोडा लगभग 2,500 साल पुराना है और इसे बौद्ध धार्मिक धरोहरों का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।

वास्तुकला: श्वेडागोन पगोडा की प्रमुख संरचना 99 मीटर ऊँची है और इसे 27 टन सोने से ढंका गया है। इसके गुम्बद पर हीरों और अन्य बहुमूल्य रत्नों की सजावट है, जिनमें 76 कैरेट का एक बड़ा हीरा भी शामिल है।
धार्मिक महत्व: पगोडा के अंदर भगवान बुद्ध के आठ पवित्र बाल और अन्य धार्मिक अवशेष संरक्षित हैं, जो इसे एक अत्यधिक पवित्र स्थल बनाते हैं।
र्यटक आकर्षण: श्वेडागोन पगोडा म्यांमार का सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल है, जहाँ हजारों भक्त और पर्यटक रोज़ आते हैं। यहाँ पर रोजाना सूर्यास्त के समय पगोडा का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक होता है।

4.बोरबुदुर (इंडोनेशिया)( best temple in the World)


बोरबुदुर World का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर है और यह इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित है। इसका निर्माण 9वीं सदी में शैलेन्द्र वंश के दौरान हुआ था।

वास्तुकला: बोरबुदुर की संरचना एक विशाल मंडल के रूप में की गई है। यह नौ स्तरों पर फैला हुआ है जिसमें से छह चौकोर और तीन गोलाकार स्तर हैं। इसकी दीवारों और बालकनियों पर बुद्ध की 2,672 राहत पैनल और 504 बुद्ध की मूर्तियाँ हैं।
धार्मिक महत्व: बोरबुदुर मंदिर बौद्ध धर्म के महायान शाखा से जुड़ा हुआ है और यह बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों को समर्पित है। यह एक तीर्थ स्थल भी है, जहाँ बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष अनुष्ठान होते हैं।
पर्यटक आकर्षण: यह मंदिर इंडोनेशिया का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है, और इसे UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। सूर्यास्त और सूर्योदय के समय बोरबुदुर का दृश्य बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

5.पारो तक्षंग (भूटान)(best temple in the World)


पारो तक्षंग, जिसे टाइगर नेस्ट मठ के नाम से भी जाना जाता है, भूटान के पारो घाटी में स्थित है। यह मठ एक खड़ी चट्टान पर 3,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और इसे भूटान का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।

वास्तुकला: पारो तक्षंग की वास्तुकला भूटानी शैली में बनाई गई है, जिसमें लकड़ी की छतें और सफेद धुले हुए दीवारें हैं। इसका निर्माण 1692 में गुरु पद्मसंभव की स्मृति में किया गया था।
धार्मिक महत्व: इस मठ का नाम ‘टाइगर नेस्ट’ इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गुरु पद्मसंभव एक उड़ते हुए बाघिन की पीठ पर सवार होकर यहां पहुंचे थे। यह मठ भूटान के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र है।
पर्यटक आकर्षण: पारो तक्षंग मठ की कठिन चढ़ाई और इसकी अविस्मरणीय प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह स्थान पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। इस मठ का दृश्य विशेष रूप से मानसून के मौसम के बाद बेहद खूबसूरत होता है।

निष्कर्ष(best temple in the World)


World के ये पाँच मंदिर न केवल धार्मिक महत्ता के प्रतीक हैं, बल्कि ये अद्वितीय वास्तुकला, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों का दर्शन करते समय व्यक्ति न केवल धार्मिक आस्था से भर जाता है, बल्कि इतिहास और संस्कृति के अद्वितीय संगम का अनुभव भी करता है। ये मंदिर सभ्यता के उत्कृष्ट नमूने हैं और इन्हें देखने के बाद एक अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त होता है।

इस लेख में पाँच मंदिरों का वर्णन किया गया है, लेकिन Worldमें कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जो अपनी विशिष्टताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों का संरक्षण और इन्हें समझने का प्रयास हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व का बोध कराता है।

सर्वोत्तम मंदिर से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न:1 अंगकोर वाट (कंबोडिया) का धार्मिक महत्व क्या है?

उत्तर-अंगकोर वाट मूल रूप से विष्णु देवता को समर्पित था, लेकिन 12वीं सदी के अंत में यह बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र बन गया। यह कंबोडिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है और हिंदू तथा बौद्ध धर्म दोनों से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न:2 मीनाक्षी मंदिर (भारत) किसे समर्पित है?

उत्तर-मीनाक्षी मंदिर देवी मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।

प्रश्न:3 श्वेडागोन पगोडा (म्यांमार) की विशेषता क्या है?

उत्तर-श्वेडागोन पगोडा म्यांमार का सबसे पवित्र बौद्ध स्थल है, जिसकी प्रमुख संरचना 99 मीटर ऊँची है और इसे 27 टन सोने से ढंका गया है। इसके अंदर भगवान बुद्ध के आठ पवित्र बाल और अन्य धार्मिक अवशेष संरक्षित हैं।

प्रश्न:4 बोरबुदुर (इंडोनेशिया) का निर्माण किस काल में हुआ था?

उत्तर-बोरबुदुर का निर्माण 9वीं सदी में शैलेन्द्र वंश के दौरान हुआ था। यह दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर है और इसे UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है

प्रश्न:5 पारो तक्षंग (भूटान) का नाम ‘टाइगर नेस्ट’ क्यों रखा गया?

उत्तर-ऐसा माना जाता है कि गुरु पद्मसंभव एक उड़ते हुए बाघिन की पीठ पर सवार होकर पारो तक्षंग मठ तक पहुंचे थे, इसलिए इसे ‘टाइगर नेस्ट’ मठ के नाम से जाना जाता है। यह भूटान का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।

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